थोक के दुकानदार जहां सब्जी को मंदी की मार बता रहे हैं तो वहीं खुदरा दुकानदार व्यापार में घाटा बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। जबकि सब्जी खरीदने के नाम पर ग्राहक की जेब दिन प्रति दिन ढीली होती जा रही है। खुदरा सब्जी बिक्रेता मनमर्जी के दामों पर सब्जी बिक्री कर चांदी काट रहे हैं।
सब्जियों के रेट हाई!: टमाटर और प्याज थाली से गायब, भिंडी के भाव भी बढ़े; महिलाएं बोलीं- बिगड़ रहा रसोई का बजट
थोक के दुकानदार जहां सब्जी को मंदी की मार बता रहे हैं तो वहीं खुदरा दुकानदार व्यापार में घाटा बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। जबकि सब्जी खरीदने के नाम पर ग्राहक की जेब दिन प्रति दिन ढीली होती जा रही है। खुदरा सब्जी बिक्रेता मनमर्जी के दामों पर सब्जी बिक्री कर चांदी काट रहे हैं।
टमाटर, गोभी, गाजर, खीरा, हरी मटर जैसी सब्जियों के सीजन के दौरान भी आसमान छूते रेटों ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों की परेशानियों बढ़ा दी हैं। वहीं सबसे अधिक टमाटर और प्याज के बढ़ते रेटों के कारण ये दोनों सब्जी अब सब्जी भोजन की थाली से गायब होती जा रही हैं। टमाटर और प्याज के रेट आपस में आंख मिचौनी का खेल खेल रहे हैं। कभी प्याज के रेट गृहणियों के आंसू निकाल देती है तो टमाटर भी अपनी लाल आंखे दिखाने में पीछे नहीं है। सर्दियों के सीजन में सस्ती सब्जी खाने वालों लोगों का जहां महंगाई ने जायका बिगाड़कर रख दिया है, वहीं इस महंगाई के कारण गृहणियों की रसोई का बजट भी गड़बड़ा गया है।